न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू

नेहा सिंह राठौर फरार बा?

ओका लंका पुलिसवा धरे बा?

कुछ समझ में नइखे आवत।

हम ओका ई संदेशवा भेजत बानी—

चिंता मत करा, घबरइहा मत।

तोहरा नैया के खेवइया खुद रामजी हउवें।

वानर सेना (मतलब विरोधी दल) तोहरा बाचावे खाती निकलल बा।

नल-नील (हिमांशु) सागर पार करे खाती सेतुवs बनावत बा।

हनुमानजी (कपिल सिब्बल) तोहरा छुड़ावे खाती उड़त आवत बाड़न,

जइसन ऊ अशोक वाटिका में सीतामइया से मिले गइल रहलन।

अब चुपचाप बइठल रहs,

बहुते रंगबाजी मत करs।

आ ई मंत्र जपत रहs—

‘भूत-पिसाच (पुलिसवा) नजदीक ना आवे,

जब महाबीर जी के नाम सुनावे

हरि ओम।”

(जस्टिस काटजू, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश हैं। यह उनके निजी विचार हैं।)