जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने पाकिस्तान की राजनीतिक उथल-पुथल, आसिम मुनीर की सख्त कार्रवाइयों, इमरान खान की गिरफ्तारी, मीडिया और वकीलों पर बढ़ते दबाव तथा आर्थिक संकट पर बेबाक टिप्पणी की है। यह टिप्पणी उनके व्यंग्यात्मक लेकिन गहरे राजनीतिक अवलोकन को विस्तार से प्रस्तुत करता है...

जस्टिस मार्कंडेय काटजू

पाकिस्तान में का बा ?

पाकिस्तान में आसिम मुनीरवा सब का हड़काये बा और सभन की खटिया खड़ी करे बा I पीटीआई नेता जउन सीना तान के चलत घूमत रहें,

उन सभन की सिट्टी पिट्टी गुम कर दिए बा।

इमरानवा काली कोठरी में बंद बा।

ओसे कौनों न मिले पाये ई हुक़ुमवा जारी कर दिए बा।

इमरानवा की बहन अलीमा ख़ाँ छाती पीट पीट के रोवत बा।

पत्रकारन की हवा निकली बा, और फूक सरक गयी बा।

'' महाराज हम सब नाई हैं '' सब बोलत बा।

वकीलन पहले बहुत रंगबाजी करत रहें।

अब सर पर लटकी तलवार देखत ई शेर गीदड़ बन गएँ बा।

पाकिस्तानी जनता भयभीत बा और कराहत बा।

आटा दाल बिजुरी के दाम आसमान छुवत बा।

इसलाम खाये से पेट नाही भरत ई, बात इनहन के अब समझ में आवा बा।

१९४७ का बंटवारा अंग्रेज़न की साजिश रही और अंग्रेज़वा हमका मूरख बनाये दीस।

पर अब तलक ई बात इन मूर्खन का समझ न आवा बा।

गोस्वामी तुलसीदास सच कह गएँ '' मूरख हृदय न चेत, जो गुरु मिलें बिरंच सम ''।

अब जब फ़ौजी और आर्थिक डंडा पकिस्तानियन के पिछवाड़े में पड़त बा, इनका अक़ल धीरे धीरे आवत बा ....

(जस्टिस काटजू, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश हैं )